भारत ने रोका पाकिस्तान का पानी, मची हाहाकार

भारत ने रोका पाकिस्तान का पानी
भारत ने रोका पाकिस्तान का पानी

भारत ने रोका पाकिस्तान का पानी, भारत और पाकिस्तान के बीच जल को लेकर विवाद आज का नहीं, बल्कि 1947 के समय से ही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान अब पानी को भी तरसेगा। शाहपुर कंडी बांध बनकर तैयार होने के बाद पाकिस्तान जाने वाला रावी नदी के पानी के प्रवाह को पूरी तरह से रोक दिया गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, शाहपुर कंडी बैराज जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर स्थित है, इस बैराज के बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को 1150 क्यूसेक पानी का फायदा मिलेगा जो पाकिस्तान जाता था।

 

भारत ने पाकिस्तान का पानी क्यों रोका ?

भारत के पाकिस्तान का पानी रोकने का मुख्य कारण यह है की सबसे पहले इस पानी पर अधिकार भारत का है। इसी लिए भारत ने इस परियोजना को मंज़ूरी दी..और फिर इस परियोजना के तहत शाहपुर कंडी बांध तैयार किया गया।  

आपको ज्ञात होना चाहिए की सन 1960 में भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के आर्मी जनरल आयूब खान की बीच एक पानी को लेकर ये फैसला हुआ था।यह फैसला पाकिस्तान के कराची शहर में सितम्बर 1960 में विश्व बैंक की देख रेख में हुआ था.  वहीं  हम भारत की बात करें तो इस शाहपुर कंडी बांध की परियोजना से भारत को काफी लाभ मिलेगा इस फैसले के अंतरगर्त सिंधु नदी और इससे संभंदित नदियों से भारत को 19. 5 प्रतिशत और पाकिस्तान को 80 प्रतिशत पानी मिलता है। सिंधु जल फैसला से रावी , सतलुज, ब्यास के पानी पर केवल और केवल भारत का अधिकार है। 

 

इस परियोजना का क्या नाम है और इसको बनाने में कितनी लागत आई है?

इस परियोजना का नाम शाहपुर कंडी बैराज है। और यह बैराज 2793 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है यह बांध  पंजाब प्रान्त  के पठानकोट में स्थित है।इस की नीव सन 1982 में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने रखी थी। लेकिन हमारे देश के ही दो प्रांतो पंजाब और जम्मू कश्मीर में हीआपस में विचार न मिलने के कारण इस परियोजना को आगे बढ़ाने में देरी हुई। सन 2008 में इस शाहपुर बैराज परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया। तब जाकर इसका निर्माण कार्य आरम्भ हुआ।

 

भारत ने रोका पाकिस्तान का पानी, क्या होगा इसका फायदा और किसको कितना हुआ नुकसान ?

इसका फायदे की यदि हम बात करें तो सीधे सीधे फायदा इसका जम्मू कश्मीर और पंजाब के किसानो को होने वाला है। जम्मू कश्मीर की यदि हम बात करें तो 3 हज़ार दो सौ यानि बत्तीस हज़ार हेकटेयर जमीन जो की सांभा ,और कठुआ  के किसानो को जो की जम्मू एंड कश्मीर में पड़ते है सीधे सीधे उन किसानो को होने वाला है। और दूसरे हमारे पांच हज़ार (5000 ) हेकटेयेर जमीन जो की हमारे पंजाब के किसानो को सीधे सीधे फायदा हुआ है। यानि टोटल की बात की जाये तो कुल मिलाकर भारत की 37000 हेकटेयेर जमीन को फायदा हुआ है और इतना ही नुक्सान पाकिस्तान को भी हुआ है।

 

क्या है इस परियोजना की सच्चाई। 

  यदि हम सच्चाई की बात करें तो  जो भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका है इससे पाकिस्तान की 30 % खेती पर इसका असर होगा , और पाकिस्तान की इंडस्ट्रीस को भी बहुत बड़ा नुकसान होगा। इससे पाकिस्तान की कुल पांच करोड़ आबादी प्रभावित होगी जिनके उप्पेर सीधा सीधा असर देखने को मिल रहा है वहीं  हम भारत की बात करें तो इस शाहपुर कंडी बांध की परियोजना से भारत को काफी लाभ मिलेगा सन 2001 में रणजीत सागर बांध का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था शाहपुर कंडी बांध का कार्य पूरा न होने के कारण इसका सारा पानी पाकिस्तान को मिल रहा था।2014 में जम्मू कश्मीर और पंजाब प्रान्त के आपसी विवाद के कारण इस शाहपुर कंडी बैराज परियोजना को रोकना पड़ा।  सन  2016 और 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी ने दोनों प्रांतो की मध्यस्तता की और आज इस मध्यस्तता के कारण ही भारत को इसका लाभ मिल सका। भारत पाकिस्तान का पानी रोकने में कामयाब हो सकाऔर हमारे देश के किसानो को पानी मिल सका। 

 

इस परियोजना से बिजली उत्पादन का लक्षय। 

इस शाहपुरकंडी बैराज की परियोजना से इस रावी नदी पर दो पावर प्लांट का काम बहुत जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। जिससे  200 किलोवाट बिजली उत्पादन करने का लक्षय भी है।  जितना बिजली उत्पादन हमारे देश में बढ़ेगा उतना हमारे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा गरीबी कुछ हद तक कम होगी।  इससे कोयले की भी बचत होगी और पानी से बिजली तैयार होगी। 

 

भारत का पाकिस्तान के प्रति अपनाया जाता रहा ढीला रवैया।  

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर ढीला रवैया होने के कारण पाकिस्तान लम्बे समय तक भारत के हक के पानी का इस्तेमाल करता रहा है भारत से होकर पाकिस्तान जो जाने वाली नदियां सतलुज ,ब्यास, रावी,चिनाब ,सिंधु, जेलहम नदी  आदि सब भारत से ही हो कर जाती है।6 नदियों के पानी का फैसला 1960 में हुआ था। जिसमे से तीन नदियों का पानी भारत को मिलना था जिनमे से वो तीन नदियाँ है रावी, ब्यास, और सतलुज नदी इनमे से दो नदियों का पानी तो भारत को मिल रहा था जो की सतलुज और बयास है और रावी नदी का कुछ पानी ही भारत को मिल रहा था और बाकि सारा पानी पाकिस्तान  को ही मिल रहा था। इसकी वजह थी पिछली भारतीय सरकारों का लचीलापन और ढीला रवैया जिसकी वजह से हमारे भारतीय किसानो को नुकसान सहना पड़ रहा था। अब ऐसा नहीं होगा अब शाहपुर कंडी बैराज बन कर तैयार है और भारतीयन किसान भारत द्वारा पाकिस्तान का पानी रोकने से इसका उपयोग कर सकेंगे और अपनी खेती को और उपजाऊ बना सकेंगे। और भारत क लोग 2025 के बाद इस शाहपुर कंडी बांध से तैयार बिजली का भी लाभ ले सकेंगे। 

 

पानी पर है भारत का अधिकार। 

जी हाँ भारत का है इस पानी पर पूरा अधिकार है। अब भारत नहीं देगा अपने हक का पानी पाकिस्तान को। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के पानी का भारत को पूरा अधिकार है।इसी अधिकार के तहत ही भारत पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोक पाया और रावी नदी पर शाहपुर कंदी बैराज तैयार हो पाया।   जब से पाकिस्तान बना है तब से ही पाकिस्तान पानी को लेकर विवाद करता रहता है वैसे तो और भी विवाद हमेशा बने ही रहते है लेकिन पानी का विवाद होने के कारण पाकिस्तानी नेताओं में चिंता आम देखी जा सकती है। पाकिस्तान को खाने पीने के पड़ेंगे लाले ,नहीं मिलेगा भारत के हक का पानी।इससे 1150 क्यूसेक पानी जम्मू कश्मीरऔर पंजाब  को खेती के लिए मिलेगा। रावी नदी पर 2 पावर प्लांट बनकर जल्द ही तैयार हो जायेंगे और 2025 तक बिजली की पैदावार भी चालू हो जाएगी। 

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